पैसे के लिए करी शादी:-
आजकल की लड़कियों को पति सीधा साधा नहीं बल्कि पैसे वाला चाहिए। वह चाहतीाहती है कि उनके पति तो एटीएम कार्ड की तरह हो जब चाहे अपने पति से पैसे निकलवा ले। ऐसे ही थी सानिया जो सिर्फ पैसे के लिए मरती थी।
सानिया के शोक इतने बड़े थे कि उसके पापा उन चीजों को अफोर्ड नहीं कर सकते थे। सानिया को बहुत सी चीजों में कंप्रोमाइज करना पड़ता था और उसे बिल्कुल रिच लोगों की तरह रहना पसंद था। उसके पापा के पास इतने पैसे ना होने के कारण सानिया को बहुत चीजों में कंप्रोमाइज करना पड़ता था, जो कि उसे बिल्कुल पसंद नहीं था।
सानिया के पिता ने उसके लिए बिल्कुल ऐसा ही लड़का देखा था जैसा सानिया को चाहिए था। बहुत ही अमीर लड़का जो सानिया के पूरे शौक पूरे कर सकता था। जब सानिया को पता चला कि उसके पिता ने उसके लिए बहुत अमीर लड़का देखा है तो उसमें बिना फोटो देखे ही उसे रिश्ते के लिए हां कर दी थी।
सानिया का होने वाला पति अमीर तो बहुत था लेकिन उसके शरीर में एक दिक्कत थी वह कभी सानिया को मन नहीं बन सकता था। यह बात सानिया के घर वालों को नहीं पता थी और ना ही उसे लड़के के परिवार वालों ने उसके परिवार को बताया था। लड़के के परिवार वाले तो चाहते थे कि उनके बेटे की शादी हो जाए।
लड़के के परिवार वाले सोच रहे थे कि अगर एक बार इसकी शादी हो गई तो बच्चा तो वह आईवीएफ से भी कर सकते है या फिर गोद भी ले सकते हैं। लड़के वालों की यह गलती थी कि उन्होंने सानिया के परिवार से यह बात छुपाई।
एक दिन सानिया अपनी फ्रेंड्स के साथ एक कैफे में बैठी थी, जहां सानिया की फ्रेंड्स उससे कहती है कि क्या यार सानिया तूने तो बिना फोटो देखे ही शादी के लिए हां कर दी। सानिया बड़े ऊंचे लहजे में कहती है कि तो यार क्या हो गया जब पापा ने रिश्ता पक्का कर ही दिया तो फिर क्या ही फोटो देखनी। और वैसे भी मुझे पति नहीं एटीएम कार्ड चाहिए जिससे मैं जब पैसे मांगू वह मुझे कभी मना करें।
सानिया की फ्रेंड्स उसे चिढ़ा रही थी कि अगर वह लड़का बिल्कुल लल्लू पल्लू सा निकला तो भी क्या तू उससे ही शादी करना चाहेगी। सानिया मन में सोचती है की मुझे उस लड़के से मतलब ही क्या है, मुझे तो उसके पैसे से मतलब है। इनको जो बोलना है बोलने दो। जब मैं शादी करके इनके सामने आऊंगी तो यह मुझे देखते ही रह जाएंगे और पहचान भी नहीं सकेगी।
कुछ ही दिन बाद सानिया और विक्रांत की शादी हो जाती है। शादी के कुछ दिन बाद सानिया को पता चलता है कि विक्रांत उसे मां बनने की खुशी नहीं दे सकता है। एक पल के लिए सानिया को बुरा तो लगता है लेकिन फिर उसका मन पलट जाता है।
सानिया अपने पति के सामने बस दुखी होने का नाटक करती है। जैसे कि उसे बहुत बुरा लग रहा हो। लेकिन मन ही मन बहुत खुश हो रही थी कि अच्छा है यह बच्चे वच्चे की तो कोई आफत नहीं रहेगी। उसका पति सोचता है कि सानिया को कितना बुरा लग रहा होगा मैं उसकी मां बनने की खुशी भी नहीं दे सकता।
शादी के बाद सानिया अपने पति के पैसों पर खूब ऐश मारती है, और लड़के पटाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ती है। सानिया पैसे दिखाकर लड़कों को खुद की तरफ अट्रैक्ट करती थी।
सानिया के पति को उस पर बिल्कुल भी शक नहीं था कि यह लड़कों से बातें करती है और मेरे ही पैसे से उन लड़कों के साथ ऐश मारती है। शादी के कुछ महीने बाद सानिया का अपने पति से इंटरेस्ट बिल्कुल ही खत्म हो रहा था। वह अपने पति को खुद के पास भी नहीं आने देती थी। क्योंकि उसे सिर्फ उसका पैसा ही अच्छा लगता था अपना पति नहीं।
धीरे-धीरे सानिया के पति को उस पर शक होने लगा कि यह पहले की तरह मेरे साथ बर्ताव नहीं करती है, कुछ तो बात है और सारा दिन अपने फोन में लगी रहती है। मैं आता हूं तो मेरी तरफ तो कुछ ध्यान ही नहीं देती है।
सानिया के पति को उसकी हरकतों के बारे में सब पता चल जाता है, और वह सानिया से कहता है की कितनी झूठी औरत है तू मेरे ही पैसे उड़ा कर मुझे ही धोखा दे रही है।
सानिया की हरकतों का घड़ा भर चुका था, और अब उसका पति उससे तलाक लेना चाहता था।क्योंकि वह ऐसी औरत को अपनी जिंदगी में नहीं रखना चाहता था जो कि उसे अपना पति ही नहीं मानती है, और गैर मर्दों में ज्यादा दिलचस्पी रखती है।
शादी के 1 साल बाद ही सानिया और उसके पति का तलाक हो जाता है। अब सानिया के लिए मुश्किल थी कि अब वह पैसे कहां से लेगी उसकी फ्रेंड्स उसका बहुत मजाक उड़ाती है, कि सानिया तेरे दिन तो बहुत अच्छे आए थे। लेकिन तू तो अब वापस हमारे ही कैटेगरी में आ गई है, और उसपर खूब हस्ती है।
Leave a Reply